मराठा आरक्षण की लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है, लेकिन जारांगे पाटिल की अडिग भावना ने आशा की लौ जला दी है। क्या यही वह क्षण होगा जब अंततः न्याय प्राप्त होगा?
मराठा आरक्षण की लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है, लेकिन जारांगे पाटिल की अडिग भावना ने आशा की लौ जला दी है। क्या यही वह क्षण होगा जब अंततः न्याय प्राप्त होगा?